फरीदाबाद। 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में चंडीगढ़ से आई दिव्यांगजन सरस्वती ने बड़ी चौपल के साथ वाले ब्लॉक में एनएफडीसी ब्लॉक में स्टॉल नंबर-234 लगाई है। जहां पर वे साड़ी, सूट व सूती मैटेरियल पर्यटकों को बेच रही हैं।
वहीं चार-पांच लोगों को सरस्वती ने रोजगार भी दे रखा है। चंडीगढ़ की 48 वर्षीय सरस्वती का कहना है कि उन्होंने नेशनल दिव्यांगजन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट के जरिए वर्ष 2005 में 10 हजार रुपए के लोन से व्यापार शुरू किया था।
सरस्वती ने अपने लोन को निर्धारित समय पर बिना ब्याज के ही चुका दिया। इसके पश्चात एनएफडीसी द्वारा उनकी लिमिट 25 हजार रुपए तक की बैंक में करवाई गई। उन्होंने बैंक के निर्धारित समय पर ही अपने ऋण की राशि को चुकता कर दिया। इस प्रकार अब बैंक द्वारा उनकी लिमिट लाखों में हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच लखपति दीदी बनाने के सपने को सरस्वती बखूबी साकार कर रही हैं। चंडीगढ़ की सरस्वती अपने सूती कपड़े के व्यापार के जरिए सालाना 5 से 6 लाख रुपए तक कमा रही है।