पाकिस्तान की बदहाल सुरक्षा व्यवस्था के चलते अब उसके बड़े-बड़े हिमायती साथ छोड़ने लगे हैं। पाकिस्तान की आंतरिक अशांति, आतंकी हमलों के खौफ ने कारोबारी माहौल बिगाड़ दिया है।
तेल और गैस उत्खनन करने वालीं 10 से ज्यादा इंटरनेशनल कंपनियों ने अपना कारोबार समेट लिया है। पाकिस्तान में अब तेल और गैस खोजने वाली तीन ही अंतरराष्ट्रीय कंपनियां बची हैं।
इसके चलते पाकिस्तान में तेल उत्पादन में 50 फीसदी की गिरावट आ गई है।ऊर्जा संकट से जूझ रहा पाकिस्तान पेट्रोल-डीजल और प्राकृतिक गैस के आयात पर हर साल 1.91 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है। इसमें से 1.33 लाख करोड़ से पेट्रोल-डीजल और 54 हजार करोड़ रुपए गैस के पर खर्च होते हैं।पाकिस्तान सरकार से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि विदेशी कंपनियों के छोड़कर जाने के बाद पाकिस्तान को विदेश से ज्यादा तेल और गैस का आयात करना पड़ सकता है, जिससे आर्थिक संकट और नकदी की कमी से जूझ रहे पाक के लिए और बुरे दिन आ सकते हैं।
20 साल से काम कर रही इटली की कंपनी ने भी पाक छोड़ा
एक्सपर्ट का कहना है कि कोई भी कंपनी बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वाह में अपना काम कैसे जारी रख सकती है? वहां काम करने के हालात ही नहीं है। कंपनियों के कर्मचारियों पर लगातार हमले होते रहे हैं।