लाखों दिनों पर राज करने वाली सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 92 वर्ष की लता मंगेशकर ने 6 फरवरी को अपनी आखिरी सांस ली. अपने आवाज के जादू से देश और दुनिया में पहचान बनाने वाली लता मंगेशकर को हीरे-जवाहरातों से काफी प्यार था. इतना ही नहीं लता दीदी के पेडर रोड स्थित घर में उनका एक स्पेशल लाकर हुआ करता था, जिसमें वह अपनी सभी सिग्नेचर जूलरी रखा करती थीं.
लता दीदी की सिग्नेचर जूलरी का अब क्या होगा?
लता मंगेशकर के दुनिया से जाने के बाद उनके परिवार और चाहनेवालों के बीच मायूसी छाई हुई है. ऐसे में उनसे जुड़े एक सूत्र ने बताया है कई लता मंगेशकर का परिवार उनकी फेवरेट जूलरी का ध्यान कैसे रखने वाला है. सूत्र के मुताबिक, ‘लता दीदी अपने इयररिंग्स पर विशेष ध्यान देती थीं. उनका टेस्ट काफी अलग था. उनके पास सॉलिटेयर के इयररिंग्स का सेट था, जो उन्हें सबसे प्यारा था. वह अपनी सिग्नेचर व्हाइट साड़ी को डायमंड के इयररिंग्स के साथ पहनना पसंद करती थीं. वह बाहर निकलने पर क्या पहनती हैं इसपर काफी ध्यान देती थीं. अपनी साड़ी और सिग्नेचर इयररिंग्स में वह किसी परी जैसी लगती थीं.’
इन जूलरी का ध्यान रखने का प्लान लता मंगेशकर ने बनाया है. उन्होंने सोचा है कि लता दीदी के हर सिग्नेचर जूलरी पीस का उनकी अमानत की तरह ध्यान रखा जाएगा.
जब खुद जूलरी डिजाइनर बनी थीं लता
वैसे कम ही लोग जानते हैं कि संगीत की दुनिया में टॉप पर रहीं लता मंगेशकर एक बार खुद जूलरी डिजाइनर भी बन गई थीं. साल 2005 में लता मंगेशकर ने अडोरा नाम की भारतीय डायमंड एक्सपोर्ट कंपनी के लिए डायमंड जूलरी डिजाइन की थी. अडोरा के मालिक से लता की मुलाकात एक जूलरी स्टोरी पर हुई थी. लता के डिजाइन किए जूलरी पीस पर लेजर से उनके सिग्नेचर को प्रिंट किया गया था.
लता मंगेशकर की इस जूलरी लाइन को स्वरांजलि नाम दिया गया था. इस जूलरी लाइन में से पांच पीस को Christie’s में नीलाम किया गया था. इनकी नीलामी लगभग 7,83,903 रुपये में हुई थी. लता मंगेशकर ने इस पूरी रकम को 2005 में कश्मीर में आए भूकंप से पीड़ित लोगों की मदद के लिए दान कर दिया था.