संसद का बजट सत्र बुधवार (31 जनवरी) को शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुई। यह नए संसद भवन में उनका पहला संबोधन था। राष्ट्रपति ने राम मंदिर से लेकर आर्टिकल 370 तक का जिक्र किया। उन्होंने कहा- राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, जो इस साल पूरी हुई।
सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा- आदतन हुड़दंग करना जिनका स्वभाव बन गया है, उम्मीद है मौजूदा संसद के आखिरी सेशन में ऐसे सांसद आत्म निरीक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के आखिर में कहा- राम राम।संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक होगा। इसमें 8 बैठकें होंगी।
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करेंगी। बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा को एक साथ संबोधित करते हैं। दोनों सदनों में उनका संयुक्त संबोधन अभिभाषण कहलाता है।
सत्र से पहले PM ने कहा कि सांसदों को सोचना चाहिए कि आखिरी 10 साल में उन्होंने क्या किया। बजट सत्र पश्चाताप का अवसर है। मेरा सभी सांसदों से अनुरोध है कि उत्तम से उत्तम परफॉर्म करें और इस मौके को जाने न दें।
राष्ट्रपति ने कहा कि बीता साल भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा। उन्होंने सांसदों को महिला आरक्षण कानून बनाने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने एशियन गेम्स के इतिहास में सबसे अधिक मेडल, चंद्रयान-तीन की सफलता, राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा होने का जिक्र किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जैसे ही राम मंदिर का जिक्र किया मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर की आकांक्षा सदियों से थी, जो इस साल पूरी हुई है।