Faridabad/Atulya Loktantra : नवरात्रोंं के तीसरे दिन सिद्धपीठ मां वेष्णोदेवी मंदिर में मां चंद्रघंटा जी की भव्य पूजा की गई। इस अवसर पर मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया और उन्हें बताया कि मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से पूजा करने व मुराद मांगने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।श्री भाटिया ने बताया कि मां का प्रिय भोग दूध व खीर है तथा प्रिय रंग सफेद है। श्री भाटिया के अनुसार नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां को सुगंधप्रिय है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि की मां के माथे में चंद्र के आकार का चांद बना है।
जिसके कारण इन्हें चंद्रघंटा नाम दिया गया है। इसके साथ ही मां का सिंह वाहन है और हर हाथ में शस्त्र है। जो लोग मां की विधि-विधान के साथ पूजा करते है। उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। साथ ही उनको सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।आज यानी 8 अप्रैल को नवरात्रि का तीसरा दिन है। आज भक्त जन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करते हैं। मालूम हो कि मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा होता है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है।
आज के दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है।श्री भाटिया ने बताया कि नवरात्रों के शुभ अवसर पर मंदिर के कपाट चौबीस घंटे खुले रहते हैं प्रतिदिन मंदिर में भक्तों हेतु विशेष प्रसाद का वितरण किया जाता है। मां ब्रहमचारिणी की पूजा के अवसर पर मंदिर में उद्योगपति आर के बत्तरा, पार्षद दिनेश भाटिया, फकीरचंद कथूरिया, नेतराम गांधी, सुरेंद्र गेरा, गिर्राजदत्त गौड़, शिवम, सुनील, अमरनाथ एवं अमिताभ गुलाटी भी उपस्थित थे।