इतने बड़े कलाकार को आज इस हालत में देखकर किसको पीड़ा न होगी? कहाँ हैं वे जो प्रतिभा की अहमियत समझने का दावा ठोकते हैं। सैकड़ों बड़े-छोटे पुरस्कार और न जाने कितनी फ़िल्मों को गाने के दम पर सुपरहिट कराने का हुनर रखने वाले संतोष साहब को आज इंडियन आइडल के शो में ऐसे काम मांगना पड़ेगा, कौन सोच सकता था? गीत गढ़ने वाले आज के युवा संतोष साहब की जगह पहुँचने का स्वप्न नहीं देखते होंगे। आज जब संतोषजी की यह हालत है तो युवाओं को यह कैसे भरोसा हो सकता है कि गीत लिखकर भी वे अपना कैरियर बना सकते हैं।
‘इक प्यार का नगमा है’ या फिर क्रांति फिल्म के गीत उठा कर ही देख लिजिए, संतोष साहब के ह्रदय से निकला कोई भी गीत हिन्दी गीत सुनने वालों में हर किसी का पसंदीदा ही है। संतोष साहब का नाम इनदिनों सोशल मीडिया, खास तौर से न्यूज़ चैनलों के पेज पर खूब छाया हुआ है। ‘बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार भीख मांगकर कर रहे हैं अपना गुजारा।’ जैसी घटिया हेडलाइंस का इस्तेमाल न्यूज़ चैनल्स के लिंक पर खूब दिखाया जा रहा है।
सबसे पहले इतने बड़े गीतकार की आर्थिक स्थिति की यह हालत देखकर कौन न दुःखी हो। जवान बेटे और बहू केे बाद आज कौन उनका सहारा है यह किसे पता है? फिल्मफेयर अवार्ड विजेता को आज जिन संकटों का सामना करना पड़ रहा है, देखकर सचमुच बुरा लगता है, दुःख होता है। अपने जीवन में इतने साधारण रहे संतोष साहब को देखकर बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी फिल्में याद आने लगती हैं।
बॉलीवुड जिस गाड़ी पर सवार है उसकी रफ़्तार इतनी अधिक होगी कि ऐसे गीतकार उसको देख न पाएंगे चढ़ना तो दूर, ऐसा कभी सोचा नहीं गया होगा।
इंडियन आइडल के सेट पर संतोषजी का पहुँचना, उस स्टेज पर ‘बहुत दिनों बाद मुम्बई आया हूँ’ कहना सबकुछ भावुक करने वाला ही था।
नेहा कक्कड़ का आमतौर पर छोटी बातों पर भी भावुक हो जाना औरों को हर बार की तरह मजाक लगा हो मगर सच पूछें तो यह मजाक नहीं था। किसी भी गायक/गायिका को अपने गीतकार के प्रति इतना तो उदार होना ही चाहिए। नेहा ने संतोषजी को 5 लाख की जो धनराशि भेंट की है उससे बॉलीवुड के हर छोटे-बड़े सितारे को सीख लेने की आवश्यकता है। संतोषजी हमेशा से इतने ही सरल थे यह बात किसी से छिपी नहीं थी। उन्हें आज भी एक सामान्य इंसान की तरह रिक्शे में सफ़र करते देखा जाता है।
न्यूज़ वालों को अपनी हेडलाइन पर इतना ध्यान तो देना ही चाहिए। हुनर को इज्ज़त और उसे सम्मान की दृष्टि से देखने वालों को भी आर्थिक तौर पर उनकी मदद करनी ही चाहिए। इतने बड़े कलाकार की ऐसी स्थिति में गुजर करना सभी को दुःख पहुँचाता है।