प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बड़ी साजिश का विस्फोटक खुलासा हुआ है। गुजरात दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने कांग्रेस नेता स्वर्गीय अहमद पटेल पर बड़ा आरोप लगाया है। एसआईटी के हलफनामे के मुताबिक अहमद पटेल को गुजरात दंगों के बाद मोदी को बदनाम करने की साजिश की जानकारी थी। अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये दिए गए। एसआईटी के हलफनामे के मुताबिक तीस्ता सीतलवाड़ को दो बार फंड दिए गए। ये सारी जानकारी एसआईटी की तरफ से कोर्ट में दी गई है। इस खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया है। सोनिया गांधी पर पीएम मोदी को फंसाने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया है।
सोनिया ने रची मोदी को बदनाम करने की साजिश?
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘सोनिया गांधी नरेंद्र मोदी को शर्मिंदा करने की साजिश में शामिल थीं। उन्हीं के कहने पर अहमद पटेल (गुजरात के दिवंगत कांग्रेस नेता, जो सोनिया के राजनीतिक सचिव थे) ने मोदीजी की सरकार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। संबित पात्रा ने कहा कि अहमद पटेल तो मात्र एक नाम है काम तो सोनिया जी का था। नाम अहमद पटेल काम सोनिया जी इसलिए अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के माध्यम से सोनिया गांधी ने गुजरात की छवि को धूमिल करने की चेष्टा की। अहमद पटेल के माध्यम से नरेंद्र मोदी को अपमानित और किस तरह से निष्कासित किया जाए इसकी चेष्टा की। ये पूरे षड़यंत्र की रचियता सोनिया गांधी है।
कांग्रेस ने बताया चुनावी हथकंडा
कांग्रेस ने नए खुलासे को चुनावी हथकंडा करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि नरेंद्र मोदी को ये सोच लेना चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। हर बार चुनाव आता है तो कभी किसी मुस्लिम नेता का नाम जरूर लाएंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि आपने आठ साल में कोई अच्छा काम नहीं किया जिसे दिखाकर आप चुनाव जीत सको। हर बार आपको पाकिस्तान की शरण में जाना होता है। हर बार आपको हिंदू मुसलमान करना होता है। हर बार आपको षड़यंत्र दिखाना होता है कि मेरे खिलाफ षड़यंत्र हो गया।
एसआईटी के हलफनामे में क्या है?
1.) अदलात में एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ का विरोध करते हुए अहमद पटेल का नाम लिया। इसमें कहा गया कि मोदी सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश रची, अहमद पटेल को इसकी जानकारी थी।
2.) पटेल ने तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये दिलाए और गोधरा दंगों के बाद अहमद पटेल से तीस्ता सीतलवाड़ की मुलाकात हुई थी।
3.) अहमद पटेल के कहने पर गवाह ने पांच लाख रुपये दिए गए। दो दिन बाद शाही बाग सर्टिकिट हाउस में फिर से बैठक हुई।
4.) अहमद पटेल ने गवाह से 25 लाख रुपये फिर भिजवाए।
5.) पैसों का सारा लेन-देन कैश में किया गया, जिससे की इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रहे।
6.) दंगों के बाद संजीव भट्ट और शिवकुमार से तीस्ता सीतलवाड़ ने मुलाकात की थी।