उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवेज (Uttar Pradesh Expressway) की शुरुआत यमुना एक्सप्रेसवे के साथ 2012 में हुई। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 340 किलोमीटर का है। इसके अलावा 296 किलोमीटर का बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand expressway), 92 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link expressway), 594 किलोमीटर का संभावित गंगा एक्सप्रेसवे (Uttar Pradesh ganga expressway), 63 किलोमीटर लखनऊ-कानपुर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे (Lucknow Kanpur elevated expressway) निर्माणाधीन हैं। इन सबके पूरा हो जाने के बाद, यूपी में कुल 1,788 किलोमीटर एक्सप्रेसवे का नेटवर्क होगा।
एक्सप्रेसवे क्या होता है (Expressway kya hota hai) ?
जब सूबे में एक्सप्रेस वे को लेकर सियासत गर्म हो तब यह जानना बेहद ज़रूरी है कि एक्सप्रेस-वे यानी द्रुत मार्ग अथवा द्रुतगामी मार्ग क्या है (Expressway kya hai) ? सड़क परिवहन सम्बन्धी विएना कन्वेंशन के तहत एक्सप्रेस-वे पर पैदल चलना और पार्किंग प्रतिबंधित होती है। कोई ट्रैफिक सिग्नल नहीं होता है। क्रासिंग नहीं होती हैं। सड़क से किसी भी बिल्डिंग या प्रॉपर्टी तक जाने का सीधा रास्ता नहीं होता है। अन्य सड़कों, पैदल यात्रियों, ट्रेनों के लिए अंडर पास या ओवर पास होते हैं। एक्सप्रेस-वे ‘एक्सेस कण्ट्रोल’ होती हैं यानी इन सड़कों पर आने और इनसे बाहर निकलने के लिए एक नियंत्रित व्यवस्था होती है। एक्सप्रेस-वे चार या इससे ज्यादा लेन के होते हैं, इसकी बनावट ऐसी होती है कि वाहन तेज रफ़्तार से चल सकें, किसी भी तरह का कोई व्यवधान न हो। एक्सप्रेस-वे में आने और निकलने के लिए रैंप या स्लिप रोड होती हैं। एक्सप्रेस-वे में ट्रैफिक पूरी तरह नियंत्रित रहता है ताकि तेज रफ़्तार ट्रैफिक बिना किसी व्यवधान के चलता रहे। एक्सप्रेस-वे को फ्री-वे, मोटर-वे तथा थ्रू-वे भी कहा जाता है।